Posts

Showing posts from June, 2017

वास्तविक यदुवंशी /जदुवंशी /शूरसैनी /पौराणिक यादव क्षत्रियों के क्षेत्र वार ठिकानों की स्थिति

वास्तविक यदुवंशी /जदुवंशी /शूरसैनी /पौराणिक यादव  क्षत्रियों के  क्षेत्र वार ठिकानों की स्थिति --–-------- भाइयो हमारे हिन्दू पुराणों और पुराने देशी व् विदेशी इतिहासकारों के इतिहास के अनुसार यदुवंश /पौराणिक यादव क्षत्रिय वंश में मुख्यतः आधुनिक समाज के अनुसार निम्न राजपूत आते हैं जिनका विवरण और देश के विभिन्न प्रान्तों में जिले वार उनके गांवों /ठिकानों की संख्या  बताने की यथासम्भव कोसिस की गई है ।आगामी लेख में कुछ समय बाद इनके प्रान्त में जिले वार गांवों की सूची भी प्रकाशित की जायेगी जिससे  हमें सम्पूर्ण यदुवंशियों के ठिकानों का भी पता चल जाएगा ।ऐसी पोस्ट लिखने का उद्देश्य यहभी हैकि हैम एक दूसरेको जाने पहंचाने तथा अपने गौरव शाली इतिहास को भी जाने और उसमें जो लोग इसमे जोड़ तोड़ कर रहे हैउनसे सावधान रहें ।यदुवंश का सम्पूर्ण इतिहास श्रीमद भागवत पुराण ,हरिवंशपुराण ,सुखसागर वायुपुराण ,गर्गसंहिता ,।महाभारत ,विष्णुपुराण ,वराहपुराण तथा अन्य वेद और पुराणों में मिलता है । जदू /,जादों/ ,जादौन ,/जादब -------- राजस्थान-–----- 1  करौली ------(करौली के पास का पूरा डांग क...

सूने ब्रज में प्रकाश पुंज बनकर आए थे यदुकुल के पुनःसंस्थापक एवं ब्रज के पुनः निर्माता श्रीकृष्ण के प्रपौत्र श्री वज्रनाभ जी

Image
सूने ब्रज में प्रकाश पुंज बनकर आए थे यदुकुल के पुनःसंस्थापक एवं ब्रज के पुनः निर्माता श्रीकृष्ण के प्रपौत्र श्री वज्रनाभ जी –––––––   मुक्ति कहै गोपाल सों मेरी मुक्ति बताय । ब्रज रज  उड़ि मस्तक लगै ,मुक्ति मुक्त है जाय ।। ब्रज की पावन पवित्र रज में मुक्ति भी मुक्त हो जाती है ।ऐसी महिमामयी है ये धरा ।ब्रज वसुधा को जगत अधीश्वर  भगवान् श्री कृष्ण ने अपनी लीलाओं से सरसाया ।"ब्रज "शब्द का अर्थ है व्याप्ति ।इस व्रद्ध वचन्  के अनुसार व्यापक होने के कारण ही इस भूमि का नाम "ब्रज "पड़ा है ।सत्व ,रज ,तम इन तीनों गुणों से अतीत जो परमब्रह्म है ।वही व्यापक है ।इस लिए उसे "व्रज"कहते है । भगवान् श्री कृष्ण को नमन करते हुए अब मै उनके वंश यदुकुल के प्रवर्तक महाराज वज्रनाभ के इतिहास का वर्णन करने की कोसिस कर रहा हूँ   मधुवन(आधुनिक  मथुरा ) पर यदुवंशी  क्षत्रियों का शासन –---------          यदुवंशियों का राज्य मधुवन (आधुनिक मथुरा ) हुआ करता था जिसके शासक सहस्त्रबाहु अर्जुन के पुत्र मधु महाराज थे  ।इन्ही मधु का पुत्र लवण था...