वैदिक युग का मानव वंश का इतिहास--
वैदिक युग का मानव -वंश---- राज्य संस्था का प्रारम्भ --भारतीय अनुश्रुति के अनुसार आज से हजारों वर्ष पूर्व उत्तर भारत में मनु और उसके वंशजों ने भारतीय भूमि पर सर्वप्रथम राज्य संस्था स्थापित की।इनसे पहले यहाँ न कोई राजा था न शासन और न किसी प्रकार की व्यवस्था थी। पुराणों के अनुसार छः मन्वन्तरों का संक्षिप्त इतिहास लिखा जा चुका है। ब्रह्मा जी के मन से मरीचि और मरीचि के पुत्र कश्यप हुए।उनकी धर्मपत्नी दक्षनन्दिनी अदिति से विवस्वान (सूर्य ) का जन्म हुआ।विवस्वान की संज्ञा नामक पत्नी से श्राद्धदेव मनु का जन्म हुआ।परम् मनस्वी राजा श्राद्धदेव मनु ने अपनी पत्नी श्रद्धा के गर्भ से दस पुत्र पैदा किये ।उनके नाम इक्ष्वाकु , नृग , शर्याति , दिष्ट , धृष्ट , करुष , नरिष्यन्त , पृषध ,नभग और कवि।इसके अलावा एक ऐला नाम की कन्या हुई जो यज्ञकुण्ड से मित्रावरुण का यज्ञ के फलस्वरूप पैदा हुई। स्वायम्भूमनु से लेकर चाक्षुष तक छः मनुओं के बाद सातवें मनु हुए जिनके पिता विवस्वान थे जो दक्ष प्रजापति और अदिति से पैदा हुए थे।विवस्वान के पुत्र होने के कारण मनु को वैवस्वत मनु भी कहते हैं ।राज्य संस्था के प्रादुर्भूत हो जाने