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Showing posts from March, 2017

Historical Research of jadaun Rajputs of some areas in Madhypradesh---मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों पाये जाने वाले जादौन राजपूतों का ऐतिहासिक शोध --

Historical Research of jadaun Rajputs of  some areas in Madhypradesh--- मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों पाये जाने वाले जादौन राजपूतों का ऐतिहासिक शोध --   मथुरा के महाराजा जायेंद्रपाल जो भगवान् कृष्ण के 87 वीं पीढ़ी में मथुरा के राजा थे।ये मथुरा की गद्दी पर चतुर्थमास की कार्तिक सुदी एकादसी सम्वत 1023 सन् 966 बैठे।इन्होंने गुर्जर प्रतिहारों के पतन के बाद पहली वार बयाना पर अधिकार किया।इनके 11 पुत्र हुये जिनमें विजयपाल ज्येष्ठ पुत्र थे।विजयपाल महाराजा जयेंद्रपाल की मृत्यु के बाद सम्वत 1056 सन् 999 में मथुरा की गद्दी के वारिस हुए। सन् 1018 के लगभग कन्नौज को जीतने के बाद महमूद गजनवी पशिचमोत्तर में बढ़ा जहाँ वह मथुरा लूटने के लिए आरहा था तो राजा विजयपाल यवनों की बजह से अपनी राजधानी सुरक्षित स्थान मानी पहाड़ी पर लेआये।इसी पहाड़ी पर इन्होंने 1043 ई0 में विजयमन्दिरगढ़ नाम के एक विशाल दुर्ग का जीर्णोद्धार करवाया था कहा जाता है की ये दुर्ग वाणासुर ने बनवाया था जिसकी पुत्री उषा थी जिसका विवाह अनिरुद्ध जी के साथ हुआ था।उस समय बयाना श्रीपथ ,पदमपुरी के नाम से जाना जाता था।राजा विजयपाल के 18 पुत्र थे।इन्होंन

कोटिला जादौन राजपूतों की रियासत का ऐतिहासिक शोध

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कोटिला जादौन राजपूतों की रियासत का ऐतिहासिक शोध मुग़ल काल से लेकर स्वतंत्रता प्राप्ति तक फीरोजाबाद आगरा जिले की तहसील रहा था जो आजकल जिला बन चूका है ।  फीरोजाबाद क्षेत्र में कोटला का भी महत्वपूर्ण  स्थान रहा है । जमींदारी समाप्त होने से पूर्व कोटला रियासत फीरोजाबाद तहसील में सवसे बड़ी  जमींदारी थी ।किसी समय फीरोजाबाद नगर से कोटला अधिक समृद्ध था ।वहां की जनसंख्या भी फीरोजाबाद से अधिक थी । कोटला रियासत का इतिहास भी कम प्राचीन नहीं है ।कोटला रियासत रॉयल जादौन राजपूतों की बहुत पुरानी रियासत है।भगवान्  श्री कृष्ण के 88 पीढ़ी बाद बिजयपाल  मथुरा के राजा हुये जो सन् 1018 में महमूद गजनवी के  द्वारा महावन के उनके भाई बंध राजा कुलचंदके पराजय होने व् महमूद गजनी के द्वारा मथुरा लुटे जाने के बाद वे संन 1023 के लगभग मथुरा से विस्थापित होकर पूर्वी राजस्थान के पहाड़ी क्षेत्र में बस गये थे जिन्होंने एक किले का निर्माण कराया और सन् 1040 या 1043 में विजयमन्दिरगढ़ को अपनी राजधानी बनाया था जो किला बाद में बयाना के नाम से मशहूर हुआ जो आज भी विद्यमान है और नगर का नाम भी बयाना हो गया ।राजा बिजयपाल की सन् 10

Dastane Umargarh : One of the Oldest Estate of Jadaun Rajputs in Jalesar Pargana of Etah district of UP.दास्ताने ऊमरगढ : उत्तरप्रदेश के एटा जिले के जलेसर परगना में जादौन राजपूतों की सबसे प्राचीन एस्टेट

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Dastan e Umargarh : One of the Oldest Estate of Jadaun Rajputs in Jalesar Pargana of Etah district of UP. दास्ताने ऊमरगढ :   उत्तरप्रदेश के एटा जिले के जलेसर परगना में जादौन राजपूतों की सबसे प्राचीन एस्टेट ।   ऊमरगढ जादौन राजपूतों की सबसे प्राचीन रियासत थी जो लगभग संवत् 1225 में बनी थी ।इस महत्वपूर्ण रियासत के इतिहास के विषय में बहुत कम हमारे समाज के भाइयों को जानकारी होगी ।नई पीढ़ी तो शायद नाम से भी परिचित न हो ।इस ऊमरगढ रियासत के इतिहास के विषय में कुछ जानकारी देने का प्रयास कर रहा हूँ  जो कि बहुत महत्वपूर्ण है ।   Migration of Umargarh  Jadaun Family from Bayana / Timangarh   to Jalesar   in Etah District . ऊमरगढ जादौन राजपूत परिवार का राजस्थान के बयाना / तीमन गढ़ से उत्तरप्रदेशके एटा जिले के जलेसर परगना में विस्थापन ।    बयाना के राजा बिजयपाल की संवत 1103 में मो0 गजनी के सेनापति मसूद सलर के साथ घमासान युद्ध हुआ जिसमे राजा बिजय पाल मारे गये और बयाना पर जेहादीयो का अधिकार होगया था ।राजा बिजय पाल का दाह-संस्कार करकेउनके वंशज राजा सोनपाल अपने 6भाइयों के साथ उनकी

बुलन्दशहर जिले में जादौन राजपूतों के गांव ----

बुलन्दशहर जिले में जादौन राजपूतों के गांव  ---- 1 -अरनियां ब्लाक -- 1-नगला कठ, 2-नया वास,3जाविल ,4 इसनपुर ,5 क्योली ,6 हिंसोटी ,7 गंगावली ,8 भूडा ,9 ठैगुरा ,10 लखावटी ,11 बघराइ ,12 पुठरी ,13 रामवास 14 पंचगाई, 15 नगलिया टक्कर ,16 मीरपुर ,17 मंसूरपुर ,18 हजरतपुर ,19 अरनिया ,20 वादौली ,21 जटौला (,रोहिंदा ,पला ,बादौली ) 2 बुलन्दशहर ब्लाक --- 22 नयागांव ,23 चाँदपुर ,24 दोषपुर ,25 नौसाना ,26 सवदलपुर ,26 नगलिया तेल ,27 हरतौली ,28 सुनहरा ,29 धीमरी ,30 बुचनागर ,31 ज्वारखेरा ,32 कौरसेना ,33 मचकौली ,34 भांसौली ,35 बारतोली ,36 घुँघरावली-बनवारी पुर ,37 रजपुरा ,38 बैलौट ,नगला केशरी जादौन ,रखेरा ,जलखेरा , खुर्जा ब्लाक -- 39 चिंगरावली ,40 अछेजा ,41 बसेंदुआ ,42 चीति ,43 नगला चीति ,44 मामन ,45 बहोरावास 46 नगला वहोरवास ,47 धरपा ,48 रोहिणा ,49 कमालपुर ,50 फतेहपुर ,51 नगला भजन सिंह ,52 गांगरौल ,53 मैना , गोवला ,रखेरा ,कफना , सिरयाल ,शाहपुर कला ,जहांगीरपुर ,। पहासु ब्लाक - 54 सोही ,55 नगला सोही, 56 कसुमी ,57 नगला खुसाल ,58 नगला रंजीत ,59 नगला दानसिंह ,60 वेदरामपुर ,61 वहलौलपुर ,62 फदेलपुर ,63 जट

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 अलीगढ (उत्तरप्रदेश ) जिले में जादौन राजपूतों के गांव           1-धनीपुर ब्लाक --- 1 महमूदपुर ,2 अल्हलादपुर ,3 धनीपुर ,4 गड़ियावली,5 जोरावर नगर ,6 भूडा किशनगडी ,7 बोरना ,8 कमालपुर ,9 बलीपुर ,10 बोनर ,11 भोजपुर ,12 उकावली, 13 चाँद गड़ी ,14 जमालपुर, 15 नगलिया ओशाफली ,16 पनैठी ,17 एकरी, 18 खान गड़ी ,19 सिहोर ,20 नगला भुरेखा ,21 बलूखेड़ा ,22 जसरथपुर ,23 ऐदलपुर ,24 शेखा ,25 दुमहैरा ,26 खरई ,27 खितकारी , 28 भतौला ,29 शेखूपुर ,30 बहरामपुर ,31 दीनदयालपुर  ,32 नगला भूड़ , 33 बहादुर गड़ी ,34 शाहपुर, 35  मई का नगला 36 खेड़ा खितकारी ,37 ड संन्ना,38 कलाई ,39 खेड़ा बुर्ज ,40 नरौली ,41 दाउदपुर,42 इव्हिवा बाद ,43 भूतपुरा,44 गिरधरपुर ,45 खेड़ा खुर्द,46 रहसुपुर,47 नगला ठेकेदार,48 नगला खेम ,49 बरानदी,50 भूडासी ,51 छिड़ावली ,52 खान आलमपुर,53 इतावली,54 सिल्ला विसावनपुर ,55 गढ़िया ,56 मई,57 चगेली ,58 निधौला ,59 समस्त पुर,60 माछुआ ,61 सिकंदरपुर,62 गजनीपुर ,63 बरकातपुर,64 रुस्तमपुर,65 कौछोड़,66 मूसेपुर जलाल,67 केशोपुर गड़राना,68 उजिर्रा ,69 भरतु आ, 70 भोपतपुर ,71 सिखरना,72 पालीरजापुर ,73 नगला झमनसिंह  ,74 गोकुलपुर ,

एटा जिले में जादौन राजपूतों के गांव-----

      एटा जिले में जादौन राजपूतों के गांव------- -    अवागढ़ ब्लाक ---- 1अवागढ़   , 2 नगला लोधा ,3 वीरनगर ,4 दलशाहपुर ,5 गादुरी ,6 हनसोली ,7 जमलपुरगादुरी ,8 जिनावली ,9 नारउ वीरनगर ,10 नरौरा ,11 नीमखेरा ,12 पिलखतरा ,13 पुन्हरा ,14 सरानी ,15 उठेरी ,16 चिरावली ,17 बोर्रा खुर्द,18 खुसराई ,19 नगला कांस ,20 गहला ,21 भूड़ नगलिया ,22 लालपुर ,23 सुंदरगढ़ ,24 वसई ,25 इव्रहिमनगर ,26 जलूखेरा ,27 जमालपुर ,28 मैखी ,29 मीसा कला ,30 मुड्सवा ,31 मितरौल ,32  नगला किशन सिंह ,33 जरानी ,34 ब्रजपुर चाँद ,35 बावरपुर ,36 बरा भांडेला ,37 सैन ऊआ ,38 नगला अतिया ,39 मोहनपुर 40 सरकरी ,41 नगला भक्ति ,42 नगला बसु ,43 खेड़ा नून ,44 नगला चाँद ,45 बतत्पुरा ,46 नुनाखात ,47 सकरा ,48 नगला रूनी ,49 नगला मिशन ,50 नगला फ़तेह ,51 नगला भूड़ ,52 खुशालपुर ,53 मदनपुर ,54 बलेसरा ,55 खतौटा , 56 नगला कुंदन , 57 पौण्डरी ,58 अभय राजपुर ,59 मीसा खुर्द ,60 खुर्दकला 61 हजीदादपुर , 62 मीसा ,63 नरहोली ,64 नगला पड़ा  ,65 खेरिया ताज ,66 खेरिया खाती । 2 जलेसर ब्लाक ---  1नगला उदी  2 रजावाली ,3 गुदाऊ ,4 फरीदपुर , 5 ताबलपुर , 6 खोजापुर ,7

जलेसर ऐटा यूपी के जादौन राजपूतौ का इतिहास

जलेसर  ऐटा  यूपी के जादौन राजपूतौ का इतिहास भगवान कृष्ण की मृत्यू के बाद बज् नाथ मथुरा के राजा बने।इनके 84पीडी बाद जयेन्द् पाल मथुरा के राजा हुये।उनके आठ बेटा हुयेजिनमे विजय पाल सबसे बडे थे जो इस वंश के सबसे पृ सिध्द राजा हुये।राजा बिजयपाल मुगलो की बजह से मथुरा से वयाना आ कर वस गये।ऑर बयाना को राजधानी बनाया।इनहौने ही बिजयगढ का किला बनबाया था जो बयाना मे है।यह घटना सन्1040या1043की है।इनके13बेटे हुये।जिनमे तिमनपाल सबसे बडे थे।इनके बाकी भाईयो का इतिहास बाद मे बताउंगा।राजा तिमनपाल ने सन्1073मे बयाना ऑर हिंडौन के लगभग 40किलो मी दूर तिमनगढ का किला बनबाया था।राजा तिमनपाल के10 बेटा हुये जिनमे 1-धरमपाल 2-कुमरपाल 3-कीरतपाल 4-भवनपाल 5-मदनपाल 6-संवेदपाल 7मानदोपाल 8-पृथवीपाल 9 सोमीपाल 10-महीपाल।इनकी माता बघेजन हमीर राजा की बेटी थी।एक बेटा ऑर था जिसका नाम हरियाहरपाल था जो दासी से पैदा था।राजा तिमनपाल के दूसरेबेटे कुवरपाल जी करौली के राजा सन्1120के लगभग बने।राजा तिमनपाल के तीसरे बेटे कीरतपाल जी कीरतगढ मे जा कर बसे।इनके 6 बेटे हुये जिनके नाम1-  सोनपाल 2-तुचछपाल  3-कवनपाल 4-दानीपाल 5-भुखपाल 6-देवनपा

ब्रज में छाता क्षेत्र के नरी -सेमरी गांव में विराजमान नरी सेमरी देवी माँ का इतिहास

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ब्रज में छाता क्षेत्र के नरी -सेमरी गांव में विराजमान नरी सेमरी देवी माँ का इतिहास---  एक बड़ा मेला जिसे नवदुर्गा में गांव नरी -सेमरी में आयोजित किया जाता है जो चैत के महीने में अंधेरी पाख में आयोजित होता है ।यही पर्व कोसी क्षेत्र में साँचौली और नगरकोट में  अलग अलग तिथियों मेंआयोजित होता है । ब्रज मंडल के छाता तहसील में मथुरा -दिल्ली मार्ग पर लगभग 25 किमी0 दूरी पर दायी ओर नरी -सेमरी का प्रवेश द्ववार दिखाई देता है ।दरअसल गांव का नाम सेमरी है ।इसके ठीक सामने पास में ही नरी गांव है , लेकिन पौराणिक समय से इसे सामूहिक नरी -सेमरी ही कहा जाता है ।ये दोनों गांव जादौन राजपूतों के बड़े एवं मशहूर गांव है ।अवागढ़ राज परिवार के पूर्वजों का भी मुल निकास इसी नरी गांव से था । सेमरी गांव में द्वापर की श्यामला सखी का निवास था ।गांव में मैया का भव्य मंदिर है ।ऐसा प्रतीत होता है कि गांव का नाम सेमरी भी श्यामला की नाम से लिया गया हैजो कि देवी माता के नाम श्यामला से सम्बंधित है । शब्द सेमरी श्यामला का अपभ्रंश है ।(The world Semri is a corruptionof Syamala -Ki ,with reference to the ancient shrine of Dev