जलेसर ऐटा यूपी के जादौन राजपूतौ का इतिहास

जलेसर  ऐटा  यूपी के जादौन राजपूतौ का इतिहास
भगवान कृष्ण की मृत्यू के बाद बज् नाथ मथुरा के राजा बने।इनके 84पीडी बाद जयेन्द् पाल मथुरा के राजा हुये।उनके आठ बेटा हुयेजिनमे विजय पाल सबसे बडे थे जो इस वंश के सबसे पृ सिध्द राजा हुये।राजा बिजयपाल मुगलो की बजह से मथुरा से वयाना आ कर वस गये।ऑर बयाना को राजधानी बनाया।इनहौने ही बिजयगढ का किला बनबाया था जो बयाना मे है।यह घटना सन्1040या1043की है।इनके13बेटे हुये।जिनमे तिमनपाल सबसे बडे थे।इनके बाकी भाईयो का इतिहास बाद मे बताउंगा।राजा तिमनपाल ने सन्1073मे बयाना ऑर हिंडौन के लगभग 40किलो मी दूर
तिमनगढ का किला बनबाया था।राजा तिमनपाल के10 बेटा हुये जिनमे 1-धरमपाल 2-कुमरपाल 3-कीरतपाल 4-भवनपाल 5-मदनपाल 6-संवेदपाल 7मानदोपाल 8-पृथवीपाल 9 सोमीपाल 10-महीपाल।इनकी माता बघेजन हमीर राजा की बेटी थी।एक बेटा ऑर था जिसका नाम हरियाहरपाल था जो दासी से पैदा था।राजा तिमनपाल के दूसरेबेटे कुवरपाल जी करौली के राजा सन्1120के लगभग बने।राजा तिमनपाल के तीसरे बेटे कीरतपाल जी कीरतगढ मे जा कर बसे।इनके 6 बेटे हुये जिनके नाम1-  सोनपाल 2-तुचछपाल  3-कवनपाल 4-दानीपाल 5-भुखपाल 6-देवनपाल। ये सभी भाई रानी सिसोदिनी से पैदा थे जो  चितौड के राजा की बेटी थी।ये 6 भाई राजा बिजयपाल की मृत्यू के बाद उनको गंगाजी सोरो पर तिलानजली देने को आये।साथ मे कुछ फौज भी लाये थे।रासते मे जलेसर आकर रुके।उस समय उनके कुछ घोडे रात को सोनगिर के चाॅद खान मेवाती ने चुरा लिये थे।उस समय तो वे गंगाजी चले गये ऑर दाह संसकार के  बाद वापिस जलेसर आये ऑर राजा सोनपाल जी ने चाॅद खान मेवाती के साथ साथ16000मेवातीयौ को मार कर भारत की ध्वजा सीमा मे गाडी ऑर सौना गाॅव बसाया जिसे आज सौनाम ई के नाम से जाना जाता है जो जलेसर के आस पास है।इसी कारण राजा सोनपाल के वंशज सोनगिरिया  भारद्ववाज उफॅ भृगुदेह जादौ न  कहलाये। राजा सोनपाल के बाकी भाईयो के वंश का इतिहास बाद  के भाग मे करुगा।राजासोनपाल के एक बेटा जैनपाल हुये जिनकी माता रानी पुणडीरनी थी जो हरिदुआर के राजा हरिदेव सिह की बेटी थी।इन जैनपाल राजा ने जैन खान मेवाती को मार कर जैनपुरा की राजधानी  कीनही। इसी तरह जैनपाल जी ने  उमरगढ के उमर खा न मेवाती को मार कर उमरगढ की राजधानी हासिल की।उस समय जलेसर के आस पास मेवातीयौ का शासन था।ये घटनाये संवत्1173 के लगभग की है। राजा जैनपाल की 3  रानीयाॅ थी जिनमे बडी रानी राठौड थी जो राजारामपुर के राजा की बेटी थी।जिनसे 1-पूरनपाल  2-वीझनपाल दो बेटे हुये।दूसरी रानी गहलौतिन  सैप ऊ के राजा की बेटी थी उनसे 1-सोगीपाल ऑर 2-करनपाल दो बेटे हुये।ऑर तीसरी रानी कठैरिनी थी ।जिनसे एक बेटे लोचनपाल पैदा हुये।जैनपाल महाराज ने अपनी राजधानी मे से पाचौ बेटौ को बरावर  बराबर  राजय दीया।जिसका बटबारा संवत्1225 मे कीया था। 1-पूरनपाल को 12गाॅव मिला कर ओखरा की राजधानी दी जिनके वंशज  भृगुदे राना  कहलाये।जिसे भृगुदे गौत् कहा जाता है। 2वीझलपाल को 12 गाॅव  नारखी  राजय मे दिये इनके वंशज टीकेत भृगुदे कहलाये। 3-सोगीपाल को उमरगढ की 12 गाॅव की राजधानी दी इनके वंशज राव कहलाये।4-करनपाल को 12गाॅव मिलाकर जोधरी  की राजधानी दी जिनके वंशज सरावत कहलाये।5 लोचनपाल  को12 -गाॅव मिलाकर खैरीया की राजधानी दी।ओखरा,नारखी ,एवंउमरगढ इन तीनो खोरौ का रकवा  35000-35000बीघा का था।ऑर जोधारी ऑर खैरीया का 22000-22000बीघा का रकवा था  । कुल मिला कर 60गाॅव की जमीन का रकवा 149000बीघा काथा।  इनसे आगेकुछ  ऑर गाॅवो  जैसे रनजीतगढी  ,पृथवीगढी , रनछोरगढी  ,  फतेगढी ,महाराजपुर ,सखावत ,पुर , वरा अलीगढ ,पिलखतरा का इतिहास बतायेगे।जय हिन्द। लेखक -ङाॅ  धीरेन्द्  सिंह जादौन  गाॅव-लढौता  सासनी के पास  जिला-हाथरस  यूपी   ।वतॅमान मे सवाईमाधोपुर राज0के  पी0जी 0 कालेज  मे  व्याख्याता कृषि मृदा वि 0के पद पर कायॅरत है।

Comments

  1. जी बहुत अच्छी जानकारी दी इसके लिए साधुवाद।
    श्रीमानजी हमारे जागा की पोथी मे लिखा है कि गढ बयाना से आकर महाराव यदुवंशी ने डोब बसाया।जिससे डोबवाल मीणां कहलाये। वेनपाल का उदयपाल का राव और महाराव ।। महाराव का पोता हड़पा डोबवाल ने मालदेव का साथ दिया व मेवाड़ के क्षेत्र गोंडवाड़ पर सन् 1540 में विजय प्राप्त की। सर यह कुंडली मिलन करदो आपका आभारी रहूंगा ।हम किसके वंशज हैं वर्तमान में हम मीणां हैं।

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  2. जी बहुत अच्छी जानकारी दी इसके लिए साधुवाद।
    श्रीमानजी हमारे जागा की पोथी मे लिखा है कि गढ बयाना से आकर महाराव यदुवंशी ने डोब बसाया।जिससे डोबवाल मीणां कहलाये। वेनपाल का उदयपाल का राव और महाराव ।। महाराव का पोता हड़पा डोबवाल ने मालदेव का साथ दिया व मेवाड़ के क्षेत्र गोंडवाड़ पर सन् 1540 में विजय प्राप्त की। सर यह कुंडली मिलन करदो आपका आभारी रहूंगा ।हम किसके वंशज हैं वर्तमान में हम मीणां हैं।

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  3. जी बहुत अच्छी जानकारी दी इसके लिए साधुवाद।
    श्रीमानजी हमारे जागा की पोथी मे लिखा है कि गढ बयाना से आकर महाराव यदुवंशी ने डोब बसाया।जिससे डोबवाल मीणां कहलाये। वेनपाल का उदयपाल का राव और महाराव ।। महाराव का पोता हड़पा डोबवाल ने मालदेव का साथ दिया व मेवाड़ के क्षेत्र गोंडवाड़ पर सन् 1540 में विजय प्राप्त की। सर यह कुंडली मिलन करदो आपका आभारी रहूंगा ।हम किसके वंशज हैं वर्तमान में हम मीणां हैं।

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  4. जी पहले हमारी कुल देवी जागा पोथी मे अंजनी माता लिखी हुई है अब खलकाई माता है।

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